Home CITY NEWS छात्रों के बौद्धिक एवं व्यावसायिक ज्ञान विकास हेतु कार्यशाला आयोजित

छात्रों के बौद्धिक एवं व्यावसायिक ज्ञान विकास हेतु कार्यशाला आयोजित

शिक्षा यदि लगन व मेहनत से ग्रहण की जावे तो मंज़िल मिलना तय है :- श्री यशवर्धन सिंह बैंक मैनेजर
छात्रों को मंजिल की राह दिखाना ही शिक्षा का उद्देश्य है :

शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चाँद का
शिक्षा में गुणवत्ता की प्राप्ति हेतु जिला कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की पहल , जिला शिक्षा अधिकारी श्री गोपाल सिंह बघेल के मार्गदर्शन में आज शासकीय बालक उमावि चाँद में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा चाँद के मैनेजर श्री यशवर्धन सिंह के मुख्य आतिथ्य व प्राचार्य श्री अनिल तागड़े की उपस्थिति में कैरियर गाइडेन्स की कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम संयोजक व राज्यपाल पुरुस्कृत शिक्षक राकेश कुमार मालवीय ने बताया कि छात्रों में भविष्य के शिक्षण , बैंकिंग क्षेत्र में संभावनाएं, एजुकेशन लोन आदि को लेकर बहुत सारे प्रश्न थे । जिस हेतु यह आयोजन किया गया , जिसमें कक्षा दसवीं,ग्यारहवीं , बारहवीं के छात्रों को बौद्धिक एवं व्यावसायिक ज्ञान में वृद्धि संगोष्टी में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि छात्रों को खूब मन लगाकर पढ़ना चाहिए जिससे उनकी मेरिट अच्छी बनेगी और उन्हें समाज मे वह स्थान मिलेगा जिसकी वह अपेक्षा करते है उन्होंने प्रेरित किया कि वह तकनीकी , स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ साथ बैंकिंग , विधि के क्षेत्र में कैसे जा सकते है । शिक्षा में बाधा उतपन्न न हो इस हेतु शासन के नियमानुसार बैंक भी शिक्षा लोन उपलब्ध कराता है परन्तु आपके सपने में जान तभी आ सकती है जबकि आपकी मेरिट स्थिति अच्छी हो । इस अवसर पर प्राचार्य श्री तागड़े ने भी छात्रों को शिक्षा से जुड़ने का आव्हान किया । कार्यक्रम संयोजक राकेश कुमार मालवीय ने कहा कि किताबो में वह ज्ञान रूपी धन छुपा है जो किसी व्यक्ति को सफलता के मुकाम तक भेज सकता है और प्रत्येक क्षेत्र में सफलता का मार्ग शिक्षा व किताबे है । इस अवसर पर शिक्षक गोविंद सिंह महड़ोले, सुश्री सपना पाटिल, श्रीमती संध्या साहू, सुश्री वैदेही साहू, पवन सिंह रघुवंशी, श्री रामसिंग पंचेश्वर, श्रीमती प्रार्थना जमहोरे, सुश्री शाहीन खान, श्रीमती स्वाति जैन, श्रीमती नीता भलावी, श्रीमती माधुरी वर्मा, श्रीमती चौहान, श्री समीर खान, श्री दौलत वर्मा श्री चौरे, बंदेवर, व छात्रगण उपस्थित थे आभार श्री पवनसिंह रघुवंशी ने व्यक्त किया।