दबंग इंडिया छिंदवाडा/छिंदवाड़ा चौरई मध्य प्रदेश के चौरई नगर की धार्मिक परंपरा और आस्था का ऐसा अध्याय लिखा जा रहा है, जो पूरे देश के लिए सनातन संस्कृति की अद्वितीय झलक प्रस्तुत करता है। यहां मां काली के विशाल पंडाल “मन्नतों की मां काली” (सीतापर रोड, रेडियंट स्कूल के पास) में इस वर्ष भी 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को निशुल्क रुद्राक्ष वितरण और भंडारा का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन पिछले पांच वर्षों से लगातार किया जा रहा है और इसे छिंदवाड़ा जिले के धार्मिक इतिहास की अनूठी परंपरा माना जा रहा है।
विशेष पूजन से सिद्ध रुद्राक्ष का वितरण
आयोजन समिति के अनुसार, रुद्राक्ष हरिद्वार से लाकर विशेष रूप से इंडोनेशिया से आए पवित्र दानों में से चयनित किए जाते हैं। इन रुद्राक्षों को मां काली पंडाल में दस दिन तक वैदिक मंत्रों और अनुष्ठानों द्वारा सिद्ध किया जाता है। इसके बाद भक्तों को पूरी तरह निशुल्क वितरित किया जाता है।
इस वर्ष भी पांचमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष भक्तों को भेंट किए जाएंगे।पांचमुखी रुद्राक्ष: साधना व भक्ति का वरदान, मानसिक शांति प्रदान करने वाला आठमुखी रुद्राक्ष: सभी बाधाओं को दूर करने वाला, श्रीगणेश का स्वरूपनौमुखी रुद्राक्ष: मां दुर्गा का प्रतीक, अदम्य शक्ति और विजय का आशीर्वाद देने वालानियम के अनुसार, प्रत्येक श्रद्धालु को केवल एक ही रुद्राक्ष दिया जाएगा।
आयोजन का समय और स्थल
दिनांक: बुधवार, 1 अक्टूबर 2025समय: शाम 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तकस्थान: मां काली मन्नता पंडाल, सीतापर रोड, रेडियंट स्कूल के पास, चौरईयहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था निशुल्क रहती है।
किसी भी प्रकार का शुल्क या चंदा नहीं लिया जाता।
आस्था और नगरवासियों की पहल
मां काली की आराधना करते हैं, क्योंकि “मां काली स्वयं उनके स्वप्न में प्रकट हुई थीं और विराजमान होने का आदेश दिया था।
उनका कहना है कि मां काली को यहां “मन्नतों की देवी” माना जाता है और भक्तों की हर सच्ची कामना यहां पूरी होती है।देवेंद्र जैन ने कहा—
:आज से कई वर्ष पहले सीतापर रोड वीरान और सुनसान था, लोग यहां बसना नहीं चाहते थे। मां काली के आशीर्वाद से अब यही सड़क अत्यंत व्यस्त और महंगे प्लॉट्स वाली जगह बन चुकी है। यह सब मां काली का चमत्कार है।”
निशुल्क भंडारा और प्रसादी
रुद्राक्ष वितरण के साथ प्रत्येक दिन फलाहारी भंडारे की परंपरा भी निभाई जाती है। विशेष रूप से रुद्राक्ष वितरण के दिन और काली माता विसर्जन के अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। सभी श्रद्धालुओं को यहां पूरी तरह निशुल्क प्रसादी उपलब्ध कराई जाती है।
मन्नतों की मां काली – नगर का गौरव
चौरई नगर में मां काली का यह पंडाल अब धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आयोजन न सिर्फ नगर चौरई बल्कि पूरे छिंदवाड़ा और आस-पास के जिलों के लिए गौरव का विषय है। यहां की परंपरा हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है और सनातन धर्म की जीवनदायिनी संस्कृति को जीवंत बनाए हुए है।
दबंग इंडिया छिंदवाड़ा कन्हैया विश्वकर्मा