-जिम्मेदार अफसर अपनी नाकामी को दबाने कर्मचारी को बना रहे निशाना
छिंदवाड़ा दबंग इंडिया/ छिंदवाड़ा निगम अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यवाही का किया विरोध, कहा स्वच्छता दूतों पर मनमानी नहीं की जाएगी बर्दाश्त
छिन्दवाड़ा निगम में अफसरशाही व सत्ताशाही की नाकामी का निशाना कर्मचारी को बनाया जा रहा है।
सच्चाई से अवगत कराने पर कर्मचारी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना जिम्मेदारों के अहंकार को प्रदर्शित कर रहा, जिसका विरोध कांग्रेस पार्षद दल के द्वारा किया गया और आगे भी कर्मचारियों पर होने वाले प्रत्येक अत्याचार का विरोध इसी तरह किया जाएगा।
उक्त वक्तव्य आज नगर पालिक निगम अध्यक्ष धर्मेन्द्र सोनू मागो ने निगम कार्यालय परिसर में एक कर्मचारी पर नियम विरुद्ध की गई कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर व्यक्त किए।
आगामी समय में शहर के भीतर स्वच्छता सर्वेक्षण होना है।
पुरानी गलतियों को सुधारकर शहर को स्वच्छता में अव्वल बनाने कांग्रेस ने विपक्ष में होने के बावजूद भी शहर हित में स्वच्छता मुहिम का समर्थन व पूर्ण सहयोग किया, किन्तु गत 21 दिसम्बर 2024 को निगम परिसर में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान निगम अधिकारियों एवं महापौर के द्वारा वार्ड क्रमांक 39 के सफाई दरोगा विनोद मंडराह को सार्वजनिक रूप से अपमानित कर उसका स्थानांतरण कर दिया।
निगम के कर्मचारी को अपमानित किए जाने पर कांग्रेस पार्षद दल ने आक्रोश व्यक्त करते हुए सोमवार को निगम अध्यक्ष धर्मेन्द्र सोनू मागो सोनू मागो के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षद दल ने जमकर नारेबाजी करते हुए निगम के अधिकारियों व महापौर की तानाशाही का खुलकर विरोध किया।
निगम आयुक्त की गैर मौजूदगी के चलते स्वच्छता अधिकारी अनिल मालवी से दो टूक शब्दों में कहा कि सार्वजनिक रूप से किसी कर्मचारी को अपमानित करना एवं द्वेष पूर्ण तरीके से उसे हटाना पूर्णत: गलत है। निगम प्रबंधन अपनी गलती को सुधारकर सफाई दरोगा को उसी वार्ड में पदस्थ करे,अन्यथा कांग्रेस कर्मचारियों के हित में आंदोलन करने विवश होगी। स्वच्छता के निरीक्षण में सुबह के समय महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना भी गलत है। उनका समय परिवर्तन किया जाना चाहिए। मालवी से विरोध व्यक्त करते समय नेता प्रतिपक्ष हंसा अम्बर दाढ़े, सरिता चिंटू काले, सरला सिसोदिया, तरुण कराड़े, आकाश मोखलगाय, टिंकू राय, शोभी कुरैशी आदि उपस्थित थे।
आयुक्त ने कहा महापौर का अधिकार:-
पूरे मामले को लेकर जब छिंदवाड़ा निगम आयुक्त से चर्चा कर उक्त कार्यवाही का विरोध किया गया,तो उन्होंने पूरा दोषारोपण महापौर पर करते हुए कहा कि उन्हें सब अधिकार दे दिए गए है। यदि ऐसा है तो महापौर जबाब दे वे कर्मचारियों को अपमानित क्यों कर रहे है।